महाभारत में श्री राम कथा

शुद्ध सनातन धर्म में वेदों के बाद जिन दो महाकाव्यों को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और पवित्र ग्रंथ माना गया है वो हैं वाल्मीकि रचित ‘रामायण’ और श्री कृष्ण द्वैपायन व्यास रचित ‘महाभारत’ । दोनों ही सनातन धर्म के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं । राम कथा में जहां श्री हरि विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की यात्रा और …

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पुरुषोत्तम हैं भगवान जगन्नाथ

कौन हैं भगवान जगन्नाथ : उड़ीसा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ को सनातन धर्म ही नहीं बौद्ध और जैन धर्मों में भी पूजा जाता है । भगवान जगन्नाथ को एक नहीं कई देवताओं का स्वरुप माना जाता है । भगवान जगन्नाथ की सबसे पहली चर्चा यूं तो ऋग्वेद में होती है लेकिन स्पष्ट रुप में उनका नाम पहली बार …

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भगवान शिव हैं योगीराज और कृष्ण हैं योगेश्वर|Shiv Yogiraj & Krishna Yogeshwar

शुद्ध सनातन धर्म में योग को आत्मा और शरीर से मिलाने वाली ज्ञान विद्या कहा गया है । योग के कई प्रकार बताए गए हैं। मन को आत्मा से मिलाने और शुद्धिकरण कर मोक्ष दिलाने के ज्ञान को योग की संज्ञा दी गई है । भगवान शिव हैं योगीराज : महाभारत के अनुशासन पर्व में भगवान शिव के द्वारा एक …

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रामायण और महाभारत में भी हुआ था सूर्यग्रहण

शुद्ध सनातन धर्म के महान ग्रंथो में सूर्यग्रहण के बारे में विस्तार से बताया गया है । ऋग्वेद में सूर्यग्रहण की चर्चा कई बार की गई है । एक ऋचा में इंद्र द्वारा ऋषि अत्रि की सहायता से सूर्य को ग्रहण से बचाने की चर्चा है ।पौराणिक ग्रंथों और महाकाव्यों में भी सूर्यग्रहण का जिक्र आया है । सूर्यग्रहण का …

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मां प्रकृति और पर्यावरण का धर्म है सनातन धर्म

पर्यावरण को समर्पित एकमात्र धर्म – हिंदू धर्म : शुद्ध सनातन हिंदू धर्म शायद विश्व का इकलौता ऐसा धर्म है जिसमें प्रकृति को मां कहा गया है और प्रकृति के संरक्षण के लिए भी ईश्वरीय सत्ताएं हमेशा संलग्न रहती है । शुद्ध सनातन धर्म के सांख्य दर्शन में सृष्टि का उद्भव ही प्रकृति और पुरुष के संयोग से होता है …

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गीता और विष्णुसह्त्रनाम में ईश्वर का विराट स्वरुप

महाभारत में कृष्ण- विष्णु का विराट रुप : शुद्ध सनातन धर्म में महाभारत एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसमें भगवान के विराट स्वरुप का सबसे अद्भुत स्वरुप का वर्णन है श्री मद् भगवद् गीता एक मात्र संहिता है जिसे व्याकरणिक दृष्टि से फर्स्ट पर्सन या उत्तम पुरुष में कहा गया है ।जहां कुरआन शरीफ और बाईबल में ईश्वर अपने पैगंबर या …

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पति और परिवार के कल्याण का पर्व – वट सावित्री

शुद्ध सनातन धर्म में नारियों को पूज्य बताया गया है , नारियों के अंदर शक्ति का वास बताया गया हैनारियां अगर निष्ठा पूर्वक ईश्वर की भक्ति करें तो ईश्वर की कृपा सबसे पहले उन्हें ही प्राप्त होती हैं कौन हैं सावित्री, क्यों किया सत्यवान से विवाह : मद्र देश के राजा अश्वपति को कोई संतान नहीं थी, महान तपस्या के …

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महावीर हनुमान जी की लंका यात्रा

वाल्मिकि रामायण और तुलसी रचित रामचरितमानस दोनों में ही हनुमान जी की लंका यात्रा का विशद वर्णन सुंदरकांड में मिलता है। समुद्र को लांघ जाने का असंभव प्रयास सिर्फ महावीर हनुमान जी ही कर सकते थे । जब सभी वानर इस सोच में पड़े थे कि इस महान समुद्र को कैसे पार किया जाए और कौन है जो लंका जा …

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कैसे समाप्त हो गया है अयोध्या का वैभव

अयोध्या अर्थात जिसे युद्ध में जीता न जा सके, अयोध्या जिसकी स्थापना स्वयं सूर्य पुत्र मनु ने की थी जिसकी तुलना इंद्र के अमरावती नगरी से की जाती है । वाल्मीकि रामायण में अयोध्या की वैभवशीलता का विस्तार से वर्णन है । जिस राज्य के राजा साक्षात सूर्य वंश से थे । जिसके राजाओं से स्वयं इंद्र भी सहायता मांगने …

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क्या महावीर हनुमान जी बाल ब्रम्हचारी हैं

शुद्ध सनातन धर्म में महावीर हनुमान जी को भक्त शिरोमणि कहा गया है । महावीर हनुमान जी की श्री राम भक्ति ठीक वैसे ही है जैसे श्री हरि विष्णु के प्रति नारद जी और ध्रुव और प्रह्लाद जी की भक्ति । कहीं हनुमान जी बाल ब्रम्हचारी तो कहीं विवाहित हैं : संपूर्ण विश्व में महावीर हनुमान जी के निजी जिंदगी …

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भगवान शिव और विष्णु का महायुद्ध

भगवान श्री हरि विष्णु और भगवान शिव के बीच अद्भुत संबंधों को शुद्ध सनातन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है । भगवान शिव को भगवान विष्णु का आराध्य और श्री हरि विष्णु को देवाधिदेव महादेव का आराध्य बताया जाता रहा है । भगवान विष्णु अगर जगत का पालन करते हैं तो भगवान शिव इस संसार का संहार करते हैं …

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क्या श्रीराम और हनुमान जी सगे भाई थे

जब महावीर हनुमान जी शक्तिबाण से मूर्छित लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लेकर आते हैं और लक्ष्मण जी उससे जीवित हो जाते हैं तो श्री राम उन्हें खुशी से गले लगा लेते हैं । इस प्रसंग का वर्णन करते हुए तुलसीदास जी लिखते हैं, इन पंक्तियों में श्रीराम और हनुमान जी की तुलना अपने प्रिय भाई भरत से करते …

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श्रीराम के वंशज, गुरु नानक देव जी Guru Nanak Devji & Ram

श्रीराम और नानक देव जी के बीच क्या रिश्ता है। सिख धर्म और हिंदू धर्म के बीच क्या संबंध है। हम सभी जानते हैं कि सिख धर्म हिंदू धर्म से ही निकली एक शाखा है। सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव जी हैं । श्रीराम का उल्लेख गुरुग्रंथ साहिब जी में कई बार आया है। राम नाम जप और …

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भगवान से मित्रता से मोक्ष मिलता है

सनातन धर्म में भक्ति के नौ प्रकार बताए गये हैं जिन्हें नवधा भक्ति भी कहते हैं। इस प्रकार की भक्ति में ईश्वर से प्रति मित्रता का भाव रख कर उनकी उपासना की जाती है। सनातन धर्म में ऐसे कई भक्त हुए हैं जिन्होंने ईश्वर के प्रति अपनी मित्रता का भाव रख कर भी ईश्वरीय कृपा प्राप्त की है। भगवान से …

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भगवन के भक्ति की पराकाष्ठा रामानुजाचार्य

भारत में सनातन धर्म जब कर्मकांडों के जाल और जातिवाद के जहर से आपस में बंट रहा था तब रामानुजाचार्य ने जातिवाद के जहर से मुक्त कराने के लिए अद्वैत का सिद्धांत दिया था। इस सिद्धांत के मुताबिक सभी मानव चाहे किसी भी धर्म और जाति के हों ईश्वर के ही अंश हैं और इस माया रुपी झूठे संसार में …

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