सरस्वती देवी- जिनके स्वरुप को लेकर आज भी है भ्रम

माता सरस्वती, जिन्हें हम मां शारदे, वाग्देवी और वीणावादिनी आदि नामों से जानते हैं उनके स्वरुप को लेकर आज भी बहुत सारे भ्रम हैं। शायद ही किसी देवी के चरित्र पर इतने आरोप लगें हों जितने मां सरस्वती पर लगे हैं। मां ज्ञान और विद्या की देवी हैं उनके चरित्र पर लांछन लगाने का कुकृत्य सैकड़ों वर्षों से किया गया …

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सनातन धर्म के महान रक्षक पूज्य गुरु श्री गोबिंद सिंह जी

शुद्ध सनातन धर्म अपने कई संप्रदायों के लिए विख्यात है । सिख संप्रदाय भी सनातन धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा है। यदि प्रथम पूज्य गुरु नानक जी ने सनातन धर्म की अद्वैत पंरपरा से खुद को जोड़ा तो दशमेश पूज्य गुरु गोबिंद सिंह जी ने भक्ति और निर्गुण दोनों ही सनातनी परंपरा से सिख संप्रदाय को जोड़ दिया। पूज्य गुरु …

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मकर संक्रांति के दिन भीष्म पितामह ने देहत्याग नहीं किया था। Bhishma Not died on Makar Sankranti

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। आमतौर पर ये माना जाता है कि महाभारत की कथा के अनुसार भीष्म पितामह ने मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के बाद ही अपने शरीर का त्याग किया था। लेकिन ये सच नहीं है। भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतज़ार जरुर …

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श्री राम और रावण : भगवान शिव के दो महान भक्त

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान शिव को सबका ईश्वर माना गया है । देवता, दानव, राक्षस, दैत्य, असुर सभी भगवान शिव के महान भक्त रहे हैं। सब पर महादेव की कृपा रही है। चाहे श्री राम हों या फिर अत्याचारी राक्षस रावण महादेव की भक्ति सभी करते रहे हैं।  शिव क्यों हैं सबके ईश्वर : भगवान शिव वैरागी हैं। न उन्हें …

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Navratri: Durga the Supreme Mother,माँ दुर्गा: सभी संकटो को हरने वाली शक्ति

शुद्ध सनातन धर्म इकलौता ऐसा धर्म है जिसमें परमेश्वर को सिर्फ पुरुष रुप में ही नहीं बल्कि स्त्री ( माँ दुर्गा ) रुप में भी दिखाया गया है । ब्रह्मांड की सर्वोच्च ईश्वरीय शक्ति को मातृ रुप में दिखाने की परंपरा सिर्फ सनातन धर्म में ही है । आद्या शक्ति जिनसे समस्त सृष्टि का निर्माण, पालन और संहार होता है, …

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पितरों के प्रति श्रद्धा से होता है श्राद्ध का जन्म

शुद्ध सनातन धर्म में न केवल मनुष्य के इस लोक में कल्याण की कामना की गई है, बल्कि इस जीवन से परे भी अगर कोई मर कर किसी और लोक में जाता है ,तो उसके कल्याण केलिए भी प्रार्थना की जाती है । श्राद्ध ऐसा ही पर्व है जो प्रत्येक वर्ष आश्विन कृष्ण पक्ष के पंद्रह दिनों तक मनाया जाता …

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कब और कैसे मिले महाप्रभु श्री राम और हनुमान

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान श्री राम और हनुमान जी का प्रेम अद्भुत और अकल्पनीय है । महावीर हनुमान जी की श्रीराम भक्ति की अनेकों कथाएं हैं। जिस प्रकार श्री राम अपने भक्त और दास महावीर हनुमान जी पर अत्यंत करुणा और प्रेम रखते हैं इसका कोई उदाहरण नहीं है ।वाल्मीकि रामायण से लेकर आनंद रामायण, अद्भुत रामायण, कृतिवास रचित …

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ओणम – दो सभ्यताओं और संस्कृतियों का पर्व

शुद्ध सनातन धर्म की सबसे बड़ी विशेषता यही रही है कि इसमें विपरीत विचारों को हमेशा बराबर का स्थान मिला है । ओणम का पर्व भी दो विपरीत संस्कृतियों के मिलन का पर्व है । ओणम केरल राज्य सहित आज विश्व के कई जगहों पर मनाया जाता है । ओणम पर्व दैत्यराज महाबलि के केरल आगमन पर मनाया जाता है …

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भगवान गणेश की जन्म की अद्भुत कथाएं

गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं : गणेश चतुर्थी : शुद्ध सनातन धर्म में भगवान गणेश के जन्म को लेकर अनेक कथाएं हैं। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था । भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूज्य होने का गौरव प्राप्त है । लेकिन उनका जन्म कैसे हुआ और …

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गणेश चतुर्थी : सबसे प्रथम और देवताओं के भी पूज्य हैं गणेश

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान गणपति को सभी ईश्वरीय सत्ताओं में सबसे प्रथम और सबसे पूज्य माना गया है। आमतौर पर यही मान्यता रही है कि भगवान गणेश माता पार्वती के पुत्र हैं और भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा कर उन्हें सबसे पहले पूज्य होने का गौरव हासिल हुआ था।  लेकिन गणपति का वर्णन तो ऋग्वेद में भी है …

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भगवान शिव के महान भक्त श्री कृष्ण – अर्जुन

शुद्ध सनातन धर्म के महान शास्त्रों में ईश्वरीय सत्ताओं द्वारा एक दूसरे से सहयोग लेने और सत्य की विजय और धर्म की संस्थापना के लिए प्रयासों का कई स्थानों पर वर्णन किया गया है, विशेषकर त्रिदेवों ब्रम्हा, विष्णु और शिव के आपसी सहयोग और सामंजस्य के जरिए विश्व का कल्याण किया जाता रहा है । वैसे सभी त्रिदेव विश्व कल्याण …

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भगवान शिव को महादेव क्यों कहते हैं ?

शुद्ध सनातन धर्म में कई देवी और देवताओं की महिमा गाई गई है । लेकिन सिर्फ एक ही ईश्वरीय सत्ता हैं जिन्हें देवों का देव ‘महादेव’ कहा जाता है । भगवान शिव को शास्त्रों में ‘महादेव’ भी कह कर उनकी वंदना की गई है । आखिर क्यों त्रिदेवों में सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा और पालनकर्ता विष्णु को छोड़कर सिर्फ भगवान …

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क्या संजय ने महाभारत युद्ध का आंखो देखा हाल सुनाया था

शुद्ध सनातन धर्म का महान ग्रंथ महाभारत अनेक चमत्कारिक घटनाओं से भरा है । इसी में एक चमत्कार वो हैं जिसमें कहा गया है कि संजय को वेद व्यास ने दिव्य दृष्टि दी थी और उसने धृतराष्ट्र को महल में ही बैठे – बैठे पूरे महाभारत के युद्ध का वर्णन प्रत्यक्ष और लाइव टेलीकास्ट के जरिए दिखाया था । क्या …

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भगवान शिव ही हैं दुनिया के श्रेष्ठतम् गुरु

शुद्ध सनातन धर्म में शिव को आदिदेव महादेव कह कर उनकी वंदना की गई है। शिव का अर्थ ही है कल्याण । अर्थात वह ईश्वरीय शक्ति जो आपका कल्याण कर दें । श्रेष्ठतम् गुरु भगवान शिव की कल्याणमयी शक्ति से पूरा संसार चकित रहता है । वो आदिदेव महादेव हैं। उनका न तो जन्म हुआ है और न ही उनका …

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श्रीकृष्ण ही हैं सबके गुरु

शुद्ध सनातन धर्म में गुरु की महिमा को गोविंद से जोड़ा गया है और कहा गया है कि – गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागुं पाय ।बलिहारी गुरु आपनौं जिन गोविंद दियो बताय ।। अर्थात : भक्त संशय में है कि वो गुरु और गोविंद दोनों को सामने खड़ा देख किसको पहले प्रणाम करे । ऐसे में गुरु की ही …

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