संत रविदास- ईश्वर से बराबरी का संबंध स्थापित करने वाले महान संत
सनातन धर्म में ईश्वर के जिन दो स्वरुपों की वंदना की परंपरा है वो हैं निर्गुण और सगुण परंपरा। वैदिक ग्रंथों में ईश्वर को प्रकृति स्वरुप निर्गुण रुप में भी पूजने की प्रथा रही है। लेकिन वक्त आने पर पौरोहित्य कर्मों और कर्मकांड के प्रचलनों ने मूर्ति पूजा की परंपरा डाली। मूर्ति पूजा के लिए मंदिर की आवश्यकता होती थी। …