मां गायत्री : सृष्टि की आदि शक्ति

सनातन धर्म में गायत्री मंत्र को सबसे पवित्र और सबसे महान मंत्र कहा गया है। गायत्री मंत्र वेदमाता गायत्री को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि 24 अक्षरों वाले इस महामंत्र का रहस्य आज तक सिर्फ 24 महान ऋषियों को ही ज्ञात हो सका है। इस 24 अक्षर के महामंत्र के प्रथम दृष्टा ऋषि विश्वामित्र हैं तो आखिरी ज्ञाता …

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भगवान बुद्ध – श्री हरि विष्णु के करुणावतार

वैसे तो भगवान बुद्ध को भगवान श्री हरि विष्णु का अवतार बनाने के लिए लेकर कई मतभेद भी हैं और सनातन धर्म और बौद्ध संप्रदाय से जुडी कई शाखाएं इसका खंडन भी करती रही हैं। परंतु शुदध् सनातन धर्म के कई मूल पौराणिक ग्रंथों और अन्य महान संतो के द्वारा यह स्थापित किया गया है कि भगवान बुद्ध ही श्री …

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महावीर हनुमान जी को बनाइये अपना मित्र

श्री राम के प्रति भक्ति अगर आपके अंदर है तो महावीर हनुमान जी आपके मित्र , सखा. संकटमोचक सभी बन जाएंगे। विभिषण के साथ भी महावीर हनुमान जी ने यही किया । उन्हें मित्रता की । उन्हें श्री राम की शरण दिलाई। इसके बाद श्री राम की कृपा से विभिषण लंकेश बने।  सुग्रीव और विभिषण दोनों के ही उदाहरणों से …

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श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई थी ? Did Krishna Saved Draupadi?

श्रीकृष्ण को सनातन हिंदू धर्म में द्रौपदी की लाज बचाने वाला कहा जाता है । द्रौपदी का चीरहरण महाभारत का टर्निंग प्वाइंट भी माना जाता है । ऐसी मान्यता है कि इसके बाद ही ये तय हो गया था कि महाभारत का युद्ध अब बस वक्त की बात है। द्रौपदी के चीरहरण के वक्त एक चमत्कार भी होता है । …

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महाभारत में श्री राम कथा

शुद्ध सनातन धर्म में वेदों के बाद जिन दो महाकाव्यों को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और पवित्र ग्रंथ माना गया है वो हैं वाल्मीकि रचित ‘रामायण’ और श्री कृष्ण द्वैपायन व्यास रचित ‘महाभारत’ । दोनों ही सनातन धर्म के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं । राम कथा में जहां श्री हरि विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की यात्रा और …

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संयम और स्वास्थ्य का वैज्ञानिक व्रत – एकादशी

वैज्ञानिक है सनातन धर्म : शुद्ध सनातन धर्म अपने आप में महान वैज्ञानिक धर्म है । इस धर्म में कोई भी रीति – रिवाज़ और परंपरा बिना किसी वैज्ञानिक तर्क के नहीं है । ऐसा ही एक वैज्ञानिक व्रत है एकादशी । क्यों दो बार आती है एकादशी : ऐसे में एकादशी का व्रत हमारे शरीर को नशीले पदार्थो से …

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मां गंगा – तीनों लोकों का तारण करने वाली मां

गंगा, गायत्री, गोमाता, तुलसी : शुद्ध सनातन धर्म में मां गंगा, गायत्री, गोमाता और तुलसी को सबसे पवित्र और पापों से मुक्त करने वाला माना गया है । सभी महाकाव्यों और पौराणिक ग्रंथों में जिन ईश्वरीय सत्ताओं के अवतरण की कथा कही गई है उसमें भगवान श्री हरि विष्णु के पृथ्वी पर धर्म की संस्थापना के लिए अवतरीत होने की …

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भूखों के अन्नदाता हैं भगवान सूर्य

आदि देव हैं भगवान सूर्य : भगवान सूर्य की महिमा शुद्ध सनातन धर्म के सभी ग्रंथों में गाई गई है । भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार श्री राम ने भी रावण से युद्ध के पहले महर्षि अगत्स्य के कहने पर भगवान सूर्य की अराधना की थी । इस अराधना को आदित्य ह्र्दय स्त्रोत्र कहा जाता है । इसी स्तुति …

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Navratri: 10 Mahavidyas-Kali the first Mahavidya: मां काली ‘ प्रथम महाविद्या ‘

शुद्ध सनातन आपके लिए लेकर आया है आद्या शक्ति मां सती के 10 शक्ति स्वरुपों की पूजा, प्रार्थना और उनकी कृपा प्राप्त करने की कथाएं। 10 महाविद्या साधना का संबंध भगवान शिव की प्रथम पत्नी माता सती से उत्पन्न 10 स्वरुपों से है। कहा जाता है कि जब माता सती को भगवान शिव ने उनके पिता प्रजापति दक्ष के घर …

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Navratri: Second Mahavidya, Tara|माँ तारा-10 महाविद्या की दूसरी महाशक्ति

कौन हैं माँ तारा : नवरात्रि के दूसरे दिन जिन महामाया शक्ति के स्वरुप की अराधना की जाती है वो हैं माँ तारा। माँ तारा देवी सती से उत्पन्न दूसरी महाविद्या है। माँ काली जहां पंचतत्वों से परे हैं और सृष्टि के निर्माण की प्रथम क्रियात्मक शक्ति हैं। वहीं माँ तारा सृष्टि के निर्माण की प्रक्रिया को प्रारंभ करने वाली …

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Navratri : Tripur Sundari- Third mahavidya of 10 Mahavidyas, 10 महाविद्याओं की तीसरी महाविद्या-‘ माँ त्रिपुर सुंदरी’

कौन हैं माँ त्रिपुरसुंदरी? : माँ सती से उत्पन्न हुई आद्या शक्ति के 10 स्वरुपों को 10 महाविद्याएं भी कहा जाता है। इन 10 महाविद्याओं में महाकाली(माँ काली) और मां तारा के बाद तीसरी महाविद्या के रुप में माँ त्रिपुर सुंदरी की अराधना की जाती है। जहां महाकाली(माँ काली) सृष्टि की क्रियात्मक शक्ति का प्रतीक हैं और सृष्टि के निर्माण …

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क्या द्रौपदी को दांव पर लगाना धर्म था

जब धर्म और अधर्म के बीच सत्य को स्थिर करना बहुत मुश्किल हो जाता  है । महाभारत के सभा पर्व में जब द्रौपदी को धर्मराज युधिष्ठिर जुए में हार जाते हैं और दुशासन द्रौपदी को बल पूर्वक सभा में घसीट कर लाता है । तब द्रौपदी वहां सभा मे मौजूद धर्म के महान ज्ञाताओं भीष्म, विदुर , द्रोण और स्वयं …

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Navratri: Bhuvaneshwari – Fourth Mahavidya-माँ भुवनेश्वरी-10 महाविद्या में चौथी महाशक्ति-

शुद्ध सनातन धर्म में आद्या शक्ति के जिन 10 स्वरुपों को 10 महाविद्याएं कहा गया है, उनमें माँ काली, माँ तारा, माँ त्रिपुर सुंदरी के बाद जिन चौथी महाविद्या या महाशक्ति का वर्णन है, वो हैं माँ भुवनेश्वरी। जिस प्रकार प्रथम महाविद्या माँ काली को काल का स्वरुप माना जाता है, वहीं माँ भुवनेश्वरी को अंतरिक्ष या फिर उस स्पेस …

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Navratri: 10 महाविद्या की 5वीं महाशक्ति- माँ त्रिपुर भैरवी|Tripura Bhairavi

शुद्ध सनातन धर्म में आद्या शक्ति से उत्पन्न जिन दस महाविद्या के स्वरुपों का वर्णन है ,उसमें 5वीं महाविद्या हैं, माँ भैरवी या माँ त्रिपुर भैरवी। महाविद्या से तात्पर्य ही है, ऐसी शक्तियाँ जो माया या अविद्या या अज्ञान से मोक्ष की तरफ ले जाएं। माँ भैरवी भय का स्वरुप हैं। लेकिन अपने भक्तों और संतानों के लिए वो माँ …

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