मृत्यु क्या है और क्यों हम सबको एक दिन मरना ही है

संसार में जो भी जन्म लेता है उसकी एक न एक दिन मृत्यु अवश्य होती है। कहते हैं कि मृत्यु अटल है। देवताओं को छोड़कर सभी प्राणियों को एक न एक दिन मरना ही है। मरने के बाद हम कहां चले जाते हैं, क्यों मरने के बाद फिर कोई वापस नहीं लौटता? अध्यात्म और धर्म से लेकर विज्ञान तक आज …

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शिव करते हैं हमारी सांसो को शुद्ध

शुद्ध सनातन धर्म में देवाधिदेव महादेव शिव को सभी सिद्धियों और विज्ञानों को उत्पन्न करने वाली ईश्वरीय सत्ता के रुप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि शिव जी ने महाशक्ति मां जगदंबा पार्वती जी को सभी गुप्त सिद्धियों का ज्ञान दिया था जिन्हें आज हम जानते हैं। इन वैज्ञानिक और सिद्ध गुप्त सिद्धियों में स्वरोदय विज्ञान को सबसे …

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शिव पार्वती विवाह के चार महान रहस्य

शुद्ध सनातन धर्म में देवों के देव महादेव और आदि जगदंबा माता पार्वती का विवाह सिर्फ एक दैविक घटना ही नहीं थी बल्कि इसके चार ऐसे महान उद्देश्य थे जिनसे आज भी कई भक्त अनजान हैं। शुद्ध सनातन आपके लिए ले कर आया है महाशिवरात्रि के अवसर पर इन चारों महान उद्देश्यों का रहस्योद्घाटन। पौराणिक ग्रंथों के अध्ययन से जो …

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ऊं नम: शिवाय – शुभता और कल्याण का महामंत्र

ऊं नम: शिवाय इस मंत्र से शुद्ध सनातन धर्म से जुड़ा हरेक व्यक्ति परिचित है, देवाधिदेव महादेव भोलेनाथ औघड़दानी शिव शँकर जी का यह मंत्र पांच अक्षरों का है और इसे सिद्ध पंचाक्षर मंत्र कहा जाता है, जिस प्रकार महामृत्युंजय मंत्र को यजुर्वेद और पुराणों में महामंत्र की संज्ञा दी गई है, इस सिद्ध पंचाक्षर मंत्र को भी मंत्रराज की …

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भगवान शिव के जन्म की कथा

देवाधिदेव भगवान शिव को आदि अजन्मा और अमर माना जाता है, शुद्ध सनातन धर्म के त्रिदेवों में भगवान ब्रम्हा, भगवान विष्णु और भगवान शिव को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। वेदों, पुराणों, उपनिषदों में इन तीनों देवों को सृष्टि की रचना, पालन और संहार की ईश्वरीय सत्ताओं के रुप में जाना जाता है । लेकिन कुछ पुराणों की कथाओं …

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महात्मा गांधी के राम और उनका राम राज्य

एक कट्टर हत्यारा आता है और लगातार तीन गोलियां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर चला देता है । हम सब जानते हैं कि गांधी जी से अंतिम शब्द थे राम .. हे राम …! क्यों गांधी को अंतिम वक्त में  प्रभु श्री राम ही याद आए। राम के अलावा किसी और का नाम जुबान पर क्यों नहीं आया । तो इसका …

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सबके ह्दय में बसे हैं महावीर हनुमान

शुद्ध सनातन धर्म के महान देवता महावीर हनुमान जी सबके ह्दय में बसते हैं । फिर चाहे उनके प्रभु श्री राम स्वयं हों, माता जगदंबा सीता हों, भइया लक्ष्मण हों, वानरराज सुग्रीव हों या फिर राक्षसराज विभीषण ही क्यों न हों। इन सबके सबसे प्रिय अगर कोई रहे हैं तो वो हैं सिर्फ महावीर हनुमान जी  सबके प्रिय महावीर हनुमान …

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सिर्फ महादेव ही नहीं करते हैं शिव तांडव

तांडव नृत्य अर्थात सृष्टि के संहार का नृत्य । ऐसा नृत्य जो सृष्टि की लयात्मक व्यवस्था को अव्यवस्थित कर उसे प्रलय में बदल दे। शिव तांडव नृत्य अक्सर भगवान शिव से ही जोड़ा जाता रहा है । कहा जाता है कि जब सृष्टि के संहार की बारी आती है तो शिव जाग्रत हो उठते हैं और वो महाकाली के साथ …

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श्री राम और रावण : भगवान शिव के दो महान भक्त

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान शिव को सबका ईश्वर माना गया है । देवता, दानव, राक्षस, दैत्य, असुर सभी भगवान शिव के महान भक्त रहे हैं। सब पर महादेव की कृपा रही है। चाहे श्री राम हों या फिर अत्याचारी राक्षस रावण महादेव की भक्ति सभी करते रहे हैं।  शिव क्यों हैं सबके ईश्वर : भगवान शिव वैरागी हैं। न उन्हें …

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सभी मुसीबत से मुक्त करने वाली गो माता

शुद्ध सनातन धर्म में गो माता को जानवर नहीं बल्कि माता के रुप में पूजा गया है। समस्त ग्रंथ गाय को माता कहते हैं और मान्यता है कि सभी 33 कोटि देवी देवताओं का वास गो माता के शरीर में होता है।सनातन ग्रंथो में गो माता को विश्व की माता कहा गया है –  गावो विश्वस्य मातर: श्री राम हैं …

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भगवान गणेश की जन्म की अद्भुत कथाएं

गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं : गणेश चतुर्थी : शुद्ध सनातन धर्म में भगवान गणेश के जन्म को लेकर अनेक कथाएं हैं। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था । भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूज्य होने का गौरव प्राप्त है । लेकिन उनका जन्म कैसे हुआ और …

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गणेश चतुर्थी : सबसे प्रथम और देवताओं के भी पूज्य हैं गणेश

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान गणपति को सभी ईश्वरीय सत्ताओं में सबसे प्रथम और सबसे पूज्य माना गया है। आमतौर पर यही मान्यता रही है कि भगवान गणेश माता पार्वती के पुत्र हैं और भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा कर उन्हें सबसे पहले पूज्य होने का गौरव हासिल हुआ था।  लेकिन गणपति का वर्णन तो ऋग्वेद में भी है …

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Hartalika teej शिव के प्रति समर्पण का पर्व हरतालिका तीज

सनातन धर्म में जिन महान तपस्वियों का वर्णन है उनमें माता पार्वती का नाम सर्वप्रथम लिया जाता है । हरतालिका तीज की कथा लगभग सभी पुराणों और महाकाव्यों में माता पार्वती की कठोर तपस्या का वर्णन किया गया है । भगवान शिव को अपने पति के रुप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने ऐसी कठोर तपस्या की थी …

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भगवान शिव के महान भक्त श्री कृष्ण – अर्जुन

शुद्ध सनातन धर्म के महान शास्त्रों में ईश्वरीय सत्ताओं द्वारा एक दूसरे से सहयोग लेने और सत्य की विजय और धर्म की संस्थापना के लिए प्रयासों का कई स्थानों पर वर्णन किया गया है, विशेषकर त्रिदेवों ब्रम्हा, विष्णु और शिव के आपसी सहयोग और सामंजस्य के जरिए विश्व का कल्याण किया जाता रहा है । वैसे सभी त्रिदेव विश्व कल्याण …

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महाभारत में श्री राम कथा

शुद्ध सनातन धर्म में वेदों के बाद जिन दो महाकाव्यों को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और पवित्र ग्रंथ माना गया है वो हैं वाल्मीकि रचित ‘रामायण’ और श्री कृष्ण द्वैपायन व्यास रचित ‘महाभारत’ । दोनों ही सनातन धर्म के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं । राम कथा में जहां श्री हरि विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की यात्रा और …

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