योगीराज

भगवान शिव हैं योगीराज और कृष्ण हैं योगेश्वर|Shiv Yogiraj & Krishna Yogeshwar

शुद्ध सनातन धर्म में योग को आत्मा और शरीर से मिलाने वाली ज्ञान विद्या कहा गया है । योग के कई प्रकार बताए गए हैं। मन को आत्मा से मिलाने और शुद्धिकरण कर मोक्ष दिलाने के ज्ञान को योग की संज्ञा दी गई है ।

भगवान शिव हैं योगीराज :

महाभारत के अनुशासन पर्व में भगवान शिव के द्वारा एक विशेष प्रकार की योग विद्या का उपदेश माता पार्वती को दिया गया है जिसे पाशुपत योग कहा जाता है । पाशुपत योग के द्वारा भगवान देह को आत्मा से पृथक मानने की सलाह देते हैं जिससे आत्मा मुक्त हो जाती है –

देहेऽस्मिन्नद्दमित्येक: पृथक चिन्त्य: सदा बुधौ: ।
एवं ज्ञात्वा चंरल्लोके मुच्यते भवबन्धनात् ।।

भावार्थ : भगवान योगीराज काम को जीतने के लिए योग का रहस्य बताते हैं। इसीलिए उन्हें योगीराज भी कहते हैं ।

कुंडलनी जागरण है योग का उद्देश्य :

शरीर को शुद्ध कर और उसके जरिए कुंडलनी जागरण के द्वारा ईश्वर के साक्षात्कार की प्रक्रिया को राजयोग की संज्ञा दी गई है । शरीर के अंगो के नियमन और उचित संचालन के द्वारा उसे स्वस्थ रखने की प्रक्रिया को भी योग के अंतर्गत ही माना गया है ।

भगवान शिव और कृष्ण ने दिया योग का ज्ञान :

आत्मा को मुक्त कराने की योग विद्या के प्रवर्तकों में भगवान योगीराजऔर भगवान श्री हरि कृष्ण सर्वोपरि माने गए हैं। जबकि शरीर की शुद्धि के द्वारा स्वस्थ जीवन जीने और ईश्वर के साक्षात्कार के लिए जिस मार्ग का प्रतिपादन किया गया है उसके प्रवर्तक पंतजलि को माना गया है ।

एक और योग की प्रकिया है जिसके अंतर्गत शरीर को बल पूर्वक अपने वश में करने और उससे इच्छित फल प्राप्त करने की प्रक्रिया भी है । इसे हठयोग कहा गया है । हठयोग पर सबसे महान पुस्तक हठयोगप्रदीपिका है जिसके रचनाकार गुरु गोरखनाथ के शिष्य स्वात्माराम थे ।

कृष्ण हैं योगेश्वर  :

भगवान श्री कृष्ण ने श्री मद् भगवद् गीता मे न केवल सामान्य राजयोग की चर्चा की है जिसके जरिए व्यक्ति अपनी कुंडलनी जागरण के द्वारा ईश्वर का साक्षात्कार कर सकता है ,बल्कि उन्होंने ज्ञान ,भक्ति और कर्म को भी योग की श्रेणी मे रखा है । भगवान श्री कृष्ण के अनुसार सिर्फ शरीर का नियमन ही योग नहीं है बल्कि आत्मा के साक्षात्कार के लिए किया गया हरेक प्रयास योग की श्रेणी में आता है । यही वजह है कि श्री कृष्ण को योगेश्वर भी कहा जाता है ।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Translate »