महाकल्याणी महासंहारिणी शक्ति महाकाली

मां काली जिन्हें महाकाली भी कहा जाता है ,शुद्ध सनातन धर्म की शाक्त परंपरा की सबसे शक्तिशाली, महाकल्याणी और महासंहारिणी नारी ईश्वरीय सत्ता हैं। महाकाली का रहस्य आज भी संसार पूरी तरह से जान नहीं पाया है । आखिर वो कौन हैं जिन्हें एक साथ संहार करने वाला भी माना जाता है और साथ ही कल्याण करने वाली ममयामयी मूर्ति …

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विश्वकर्मा हैं समस्त सृष्टि के रचयिता

शुद्ध सनातन धर्म में प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर के दिन विश्वकर्मा भगवान की जयंती मनाई जाती है । हालांकि कई और भी तिथियां विश्वकर्मा जयंती के नाम से प्रसिद्ध हैं। लेकिन आमतौर पर 17 सिंतबर को ही पूरे देश में विश्वकर्मा भगवान की जयंती मनाई जाती है । इस दिन देश के कई भागों में विश्वकर्मा भगवान की पूजा की …

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हनुमान चालीसा क्यों इतनी चमत्कारी है

शुद्ध सनातन धर्म में तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री हनुमान चालीसा ऐसा अद्भुत स्त्रोत है जिसे प्रतिदिन पाठ करने से श्री राम, माता जानकी और महावीर हनुमान जी की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है। समस्त संकटों को दूर कर जीवन में मंगल को लाने वाले इस स्त्रोत की व्याख्या बहुत कम की गई है।  माता सीता की वंदना …

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श्री राम और रावण : भगवान शिव के दो महान भक्त

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान शिव को सबका ईश्वर माना गया है । देवता, दानव, राक्षस, दैत्य, असुर सभी भगवान शिव के महान भक्त रहे हैं। सब पर महादेव की कृपा रही है। चाहे श्री राम हों या फिर अत्याचारी राक्षस रावण महादेव की भक्ति सभी करते रहे हैं।  शिव क्यों हैं सबके ईश्वर : भगवान शिव वैरागी हैं। न उन्हें …

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Navratri: Durga the Supreme Mother,माँ दुर्गा: सभी संकटो को हरने वाली शक्ति

शुद्ध सनातन धर्म इकलौता ऐसा धर्म है जिसमें परमेश्वर को सिर्फ पुरुष रुप में ही नहीं बल्कि स्त्री ( माँ दुर्गा ) रुप में भी दिखाया गया है । ब्रह्मांड की सर्वोच्च ईश्वरीय शक्ति को मातृ रुप में दिखाने की परंपरा सिर्फ सनातन धर्म में ही है । आद्या शक्ति जिनसे समस्त सृष्टि का निर्माण, पालन और संहार होता है, …

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महावीर हनुमान ने दो बार संजीवनी पर्वत उठाया था

शुद्ध सनातन धर्म के महान ग्रंथ वाल्मीकि रामायण में महावीर हनुमान जी की अनेक गाथाओं का वर्णन किया गया है । हम सभी शुद्ध सनातन धर्म में महावीर हनुमान जी के द्वारा लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लाने की कथा पढ़ते आ रहे हैं। सामान्य कथा यही है कि जब मेघनाद ने लक्ष्मण जी पर शक्तिबाण चला दिया था …

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क्या श्री राम भगवान विष्णु के अवतार मात्र हैं

शुद्ध सनातन धर्म में श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रुप में पूजा जाता है । राम भगवान विष्णु के अवतार इसलिए भी कहा जाता है श्री राम का अवतरण ही धर्म की मर्यादा को स्थापित करने के लिए हुआ था । श्री राम ने अपने पूरे जीवन काल में किसी भी प्रकार के अलौकिक चमत्कार नहीं किए और मानव …

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भगवान शिव को 3 अंक से प्रेम क्यों है

वैसे शुद्ध सनातन धर्म में सभी अंको को शुभ माना गया है । जहां दूसरे धर्मों में 13 अंक को अशुभ माना गया है वहीं हिंदू धर्म में 13 अंक यानि त्रियोदशी तिथि को भी शुभ माना गया है और भगवान शिव को अर्पित किया गया है । इसी प्रकार शिव को 3 अंक से प्रेम को लेकर भी सनातन …

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सभी मुसीबत से मुक्त करने वाली गो माता

शुद्ध सनातन धर्म में गो माता को जानवर नहीं बल्कि माता के रुप में पूजा गया है। समस्त ग्रंथ गाय को माता कहते हैं और मान्यता है कि सभी 33 कोटि देवी देवताओं का वास गो माता के शरीर में होता है।सनातन ग्रंथो में गो माता को विश्व की माता कहा गया है –  गावो विश्वस्य मातर: श्री राम हैं …

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अयोध्या की प्राचीन कथा। Story of Ayodhya

अयोध्या की प्राचीन कथा क्या है? किसने बसाई अयोध्या नगरी? क्यों पुराणों मेंअयोध्या को 7 सबसे पवित्र नगरों में एक माना जाता है ? किसने अयोध्या नगर की स्थापना की थी ? अयोध्या किस वंश ने सर्वप्रथम शासन किया था?। अयोध्या नगर में ही विष्णु ने श्रीराम के रुप में अवतार क्यों लिया था ?अयोध्या के पवित्र सरयू नदी का …

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ब्रह्मांड की उत्पत्ति के देवता भगवान सूर्य

भगवान सूर्य को शुद्ध सनातन धर्म में सिर्फ एक ग्रह नहीं माना गया है बल्कि भगवान भास्कर सूर्य को जगत की उत्पत्ति का सबसे महत्वपूर्ण देवता माना गया है। भगवान शिव और श्री हरि विष्णु की आंखे बताया गया है जिससे ये दोनों ही ईश्वरीय सत्ताएं संसार के सभी प्राणियों के कार्यों को देखती हैं। भगवान सूर्य की ऋग्वेद में …

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रामायण स्त्रियों की भक्ति और संघर्ष की गाथा है

क्या कोई ग्रंथ सिर्फ एक ही अवतार की यात्रा हो सकती है क्या और वो भी जब रामायण जैसा महान ग्रंथ की बात हो। रामायण सनातन धर्म के सबसे महान और पवित्र ग्रंथों में है। रामायण सनातन धर्म की आत्मा है। सनातन धर्म विश्व का शायद इकलौता धर्म है जिसमें ईश्वर के स्वरुप की कल्पना न सिर्फ निराकार और साकार …

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क्या भगवान श्री राम नारी विरोधी हैं

शुद्ध सनातन धर्म के महान ग्रंथ तुलसीकृत रामचरितमानस में इस लिखे गए इस दोहे के उपर पिछली कई शताब्दियों से संग्राम छिड़ा रहा है। आधुनिक नारीवादी और दलित चिंतकों ने इस दोहे के आधार पर सीधे- सीधे राम नारी विरोधी और शूद्र विरोधी ठहरा दिया है । दलित और नारीवादी आंदोलन में इस दोहे का इस्तेमाल अक्सर सवर्ण जातियों और …

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पितरों के प्रति श्रद्धा से होता है श्राद्ध का जन्म

शुद्ध सनातन धर्म में न केवल मनुष्य के इस लोक में कल्याण की कामना की गई है, बल्कि इस जीवन से परे भी अगर कोई मर कर किसी और लोक में जाता है ,तो उसके कल्याण केलिए भी प्रार्थना की जाती है । श्राद्ध ऐसा ही पर्व है जो प्रत्येक वर्ष आश्विन कृष्ण पक्ष के पंद्रह दिनों तक मनाया जाता …

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कब और कैसे मिले महाप्रभु श्री राम और हनुमान

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान श्री राम और हनुमान जी का प्रेम अद्भुत और अकल्पनीय है । महावीर हनुमान जी की श्रीराम भक्ति की अनेकों कथाएं हैं। जिस प्रकार श्री राम अपने भक्त और दास महावीर हनुमान जी पर अत्यंत करुणा और प्रेम रखते हैं इसका कोई उदाहरण नहीं है ।वाल्मीकि रामायण से लेकर आनंद रामायण, अद्भुत रामायण, कृतिवास रचित …

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