Ramlila: Exile of Ram in Forest was planned, क्या राम का वनवास एक तय योजना थी?

रामलीला के महान प्रसंगों में एक है, श्री राम का चौदह वर्षों के लिए वनवास भोगना । राम के वनवास के दौरान राजकुमार श्रीराम एक महान योद्धा और ईश्वरीय अवतार के रुप में खुद  को स्थापित कर संसार में मर्यादा स्थापित करते हैं। लेकिन अक्सर यह प्रश्न उठता है कि क्या अगर श्रीराम को वनवास नही मिलता तो वो रावण …

Read More

Navratri: Who Killed Shumbh and Nishumbh| Who is Chandika Devi| चंडिका ने किया था शुम्भ निशुम्भ का वध

श्री दुर्गासप्तशती में जिन कई महान देवियों का वर्णन किया गया है और उन्हें आद्या शक्ति का एक महान स्वरुप बताया गया है। उनमें एक हैं माँ चंडिका । माँ चंडिका का स्वरुप बहुत ही उग्र है और वो माँ अम्बिका की सहायता के लिए प्रगट होती हैं। उनका अवतरण श्रीदुर्गा सप्तशती के पांचवे अध्याय में होता है ।  चंडिका …

Read More

शारदीय नवरात्रि – मां और प्रकृति की ईश्वरीय रुप में पूजा

शुद्ध सनातन धर्म में ईश्वर के विविध स्वरुपों में कल्पना कर उनकी वंदना की गई है । कभी ईश्वर को निराकार रुप में पूजा गया है तो कभी उनके साकार रुप की कल्पना की गई है । कहीं उन्हें प्रकृति स्वरुपा माना गया है तो कहीं उन्हें पुरुष रुप में माना गया है । अब्राहमिक धर्मों के विपरीत शुद्ध सनातन …

Read More

Ram and Sita Marriage: Vivah Panchami, Sita Swayamvar। राम-सीता विवाह।विवाह पंचमी।सीता स्वयंवर का सच

राम सीता का विवाह सनातन धर्म की एक महत्वपूर्ण घटना है। श्रीराम के द्वारा शिव धनुष तोड़ने के बाद सीता से उनके विवाह को कई ऋषियों और कवियों ने अपने ग्रंथों में स्थान दिया है। लोकगीतों में भी सीता स्वयंवर और राम-सीता विवाह से जुड़ें गीत प्रचलित रहे हैं। भगवान श्रीराम और माँ सीता का विवाह हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष मास …

Read More

Shardiya Navratri श्री दुर्गा सप्तशती की आद्या शक्ति

माया तु महाठगिनी। यह संसार एक माया है । सब कुछ माया है । महामाया के अधीन सब कुछ है ।इन वाक्यों को हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं। लेकिन यह माया या महामाया कौन है । वैष्णव ग्रंथ इसे भगवान विष्णु की क्रियात्मक शक्ति कहते हैं। गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मैं स्वयं से …

Read More

Story of Birth of Shriram।श्रीराम जन्म कथा

रामलीला अर्थात प्रभु श्री राम की लीला : ‘रामलीला’ अर्थात् भगवान विष्णु के मर्यादापुरुषोत्तम अवतार श्रीराम के द्वारा की गई लीला। शास्त्रों के अनुसार विष्णु हरेक युग में पृथ्वी पर नर या इंसान का शरीर धारण कर जन्म लेते हैं और पृथ्वी पर अनेक प्रकार के कार्य करते हैं, जिन्हें वैष्णव संप्रदाय में ‘लीला’ कहा जाता है । विष्णु के …

Read More

महाभारत के युद्ध का प्रारंभ। शुद्ध श्रीमद्भगवद्गीता।अध्याय 1, Bhagavad Gita। War cry of Mahabharat

श्रीमद्भगवद्गीता में महाभारत के युद्ध का प्रारंभ होने से ठीक पहले की स्थितियों का वर्णन किया गया है। दुर्योधन युद्ध के पहले कौरवों और पांडवों की सेना की शक्तियों का तुलनात्मक अध्ययन करता है। श्रीमद्भगवद्गीता में दुर्योधन भी भयभीत दिखता है। दुर्योधन सबसे पहले कौरवों और पांडवों की सेनाओं की शक्ति का वर्णन करता है। दुर्योधन को यह विश्वास नहीं …

Read More

शुद्ध श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय 1। धृतराष्ट्र का प्रश्न Bhagavad Gita Chapter 1, Question of Dhritarashtra

शुद्ध श्रीमद्भगवद्गीता एक नेत्रहीन व्यक्ति धृतराष्ट्र की जिज्ञासा से शुरु होती है। ज्ञान के नेत्र प्रदान करने वाली यह अद्भुत यात्रा आश्चर्यजनक रुप से एक अंधे व्यक्ति से शुरु होती है। धृतराष्ट्र न केवल शारीरिक रुप से अंधे थे, बल्कि वो कई मायनों में अंधे थे। धृतराष्ट्र पुत्र मोह में भी अंधे थे । धृतराष्ट्र राजसत्ता के मोह में अंधे …

Read More

श्रीमद्भगवद्गीता की भूमिका। Bhagavad Gita: Shuddh Gita

श्रीमद्भगवद्गीता का अर्थ क्या है और शुद्ध गीता क्या है? श्रीमद्भगवद्गीता हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में है, लेकिन कई सौ वर्षों से इसके शुद्ध अर्थ को लेकर भ्रम फैलाया जाता रहा है । हमारा उद्धेश्य श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों की व्याकरणिक और धार्मिक रुप से शुद्ध अर्थ निकालना और इसकी यथारुप व्याख्या करना है। इसीलिए हमने श्रीमद्भगवद्गीता के जो …

Read More

भगवान शिव के जन्म की कथा

देवाधिदेव भगवान शिव को आदि अजन्मा और अमर माना जाता है, शुद्ध सनातन धर्म के त्रिदेवों में भगवान ब्रम्हा, भगवान विष्णु और भगवान शिव को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। वेदों, पुराणों, उपनिषदों में इन तीनों देवों को सृष्टि की रचना, पालन और संहार की ईश्वरीय सत्ताओं के रुप में जाना जाता है । लेकिन कुछ पुराणों की कथाओं …

Read More

श्री राम के महान गुरु विश्वामित्र

शुद्ध सनातन धर्म में गुरु को ईश्वर के तुल्य माना गया है। गुरु वो होते हैं जो एक सामान्य इंसान को ही नहीं अवतारी पुरुष को भी उनकी ईश्वरीय सत्ता का साक्षात्कार करा सकते है। यही वजह है कि जब भगवान विष्णु ने भी धरती पर श्री राम और श्री कृष्ण के रुप में अवतार लिया तब उन्हें भी गुरु …

Read More

महात्मा गांधी के राम और उनका राम राज्य

एक कट्टर हत्यारा आता है और लगातार तीन गोलियां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर चला देता है । हम सब जानते हैं कि गांधी जी से अंतिम शब्द थे राम .. हे राम …! क्यों गांधी को अंतिम वक्त में  प्रभु श्री राम ही याद आए। राम के अलावा किसी और का नाम जुबान पर क्यों नहीं आया । तो इसका …

Read More

जानें, भगवान विष्णु के 4 अवतार : ‘ नर ‘ ‘ नारायण ‘ हरि और कृष्ण

नर – नारायण, हरि, कृष्ण, हरि आदि कितने ही नामों से हम ईश्वर को पुकारते हैं, ऐसी मान्यता है कि ये सभी नाम भगवान विष्णु के हैं जिन्हें भगवान श्री कृष्ण के लिए भी प्रयोग किया जाता है. वैसे सच भी है कि हरि अनंत हरि कथा अनंता लेकिन क्या सच में ये सारे नाम भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण …

Read More

सबके ह्दय में बसे हैं महावीर हनुमान

शुद्ध सनातन धर्म के महान देवता महावीर हनुमान जी सबके ह्दय में बसते हैं । फिर चाहे उनके प्रभु श्री राम स्वयं हों, माता जगदंबा सीता हों, भइया लक्ष्मण हों, वानरराज सुग्रीव हों या फिर राक्षसराज विभीषण ही क्यों न हों। इन सबके सबसे प्रिय अगर कोई रहे हैं तो वो हैं सिर्फ महावीर हनुमान जी  सबके प्रिय महावीर हनुमान …

Read More

सिर्फ महादेव ही नहीं करते हैं शिव तांडव

तांडव नृत्य अर्थात सृष्टि के संहार का नृत्य । ऐसा नृत्य जो सृष्टि की लयात्मक व्यवस्था को अव्यवस्थित कर उसे प्रलय में बदल दे। शिव तांडव नृत्य अक्सर भगवान शिव से ही जोड़ा जाता रहा है । कहा जाता है कि जब सृष्टि के संहार की बारी आती है तो शिव जाग्रत हो उठते हैं और वो महाकाली के साथ …

Read More
Translate »