शुद्ध श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय 2 : अर्जुन का युद्ध से पलायन। Bhagavad Gita, Chapter 2, Arjuna’s refusal to Fight

श्रीमद्भगवद्गीता के द्वितीय अध्याय का प्रारंभ अर्जुन का युद्ध से पलायन से होता है। इसी अध्याय से वास्तविक रुप से श्रीमद्भगवद्गीता के दर्शन का प्रारंभ भी होता है। पहली बार श्रीकृष्ण भी यहीं से गीता का ज्ञान देना प्रारंभ करते हैं। इसके पहले के अध्याय 1 में श्रीकृष्ण कहीं भी संवाद करते नहीं दिखते हैं। अध्याय 1 में सिर्फ धृतराष्ट्र, …

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मां लक्ष्मी और विष्णु के मिलन का पर्व है दिवाली

शुद्ध सनातन धर्म में ईश्वरीय सत्ताएं और मानवीय सत्ताओं के लिए एक से ही नियम हैं। अगर ईश्वरीय सत्ताओं के साथ शुभता जुड़ी है तो उन्हें भी नियति के विधान और शापों का सामना करना पड़ता है । इस अर्थ में सबके लिए बराबर है शुद्ध सनातन धर्म । यहां ईश्वर को भी अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है …

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श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय 1 में अर्जुन का विषाद। Bhagavad Gita, Chapter 1, Arjuna’s Despair (Visada Yoga)

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 1 अर्जुन का विषाद ,धृतराष्ट्र की चिंता और दुर्योधन के युद्ध की तैयारियों से जुड़ा है। श्रीमद्भगवद्गीता में दो पात्र धृतराष्ट्र और अर्जुन चिंता और संशय से घिरे हुए दिखाए गये हैं । अर्जुन का विषाद और श्रीकृष्ण के द्वारा उसके संशयों का निराकरण श्रीमद्भगवद्गीता का मूल कथानक है। धृतराष्ट्र की चिंता से श्रीमद्भगवद्गीता के प्रारंभ जरुर होता …

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श्रीमद्भगवद्गीता,अध्याय 1- अर्जुन का शोक और सत्य की खोज।Bhagavad Gita, Chapter 1

श्रीमद्भगवद्गीता जीवन संग्राम से निकले हुए जीवन दर्शन का सिद्धांत प्रस्तुत करती है।स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि” संसार के बड़े सत्यों की खोज वनों के एकांतवास में नहीं हुई, बल्कि जीवन के संघर्षों और मूल्यों के मंथन से हुई है।” श्रीमद्भगवद्गीता का प्रारंभ उन कठिन और तनावयुक्त परिस्थितियों में होता है, जब लोग अपने जीवन की आशा को त्याग …

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हनुमान जी और विभीषण का मिलन

सनातन धर्म के महान ग्रंथों वाल्मिकी रामायण और श्री रामचरितमानस में भगवान श्री राम के दो महान भक्तों हनुमान जी और विभीषण जी की बड़ी महिमा गाई गई है। दोनों ही भगवान श्री राम के महान कार्यों के सहयोगी रहे और रावण के वध में दोनों की ही बड़ी भूमिका रही है। रामचरितमानस में जब हनुमान जी लंका जाते हैं …

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भगवान गणेश जिनकी पूजा भगवान शिव और माता पार्वती भी करते हैं

वैसे तो शुद्ध सनातन में मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा सर्व प्रथम की जाती है जिनकी पूजा भगवान शिव और माता पार्वती भी करते हैं। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आखिर जब भगवान गणेश माता पार्वती के पुत्र हैं तो फिर तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह पर भगवान गणेश की …

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Navratri: Parvati and her nine forms,नवरात्रिः माँ पार्वती और उनके 9 स्वरुपों का रहस्य

माँ पार्वती को देवाधिदेव महादेव की अर्धांगिनी माना जाता है । बिना माँ पार्वती के भगवान शिव वैरागी हैं। माँ पार्वती ही वो शक्ति हैं, जिन्होंने वैरागी शिव को सांसारिक शिव बनाया और संसार के कल्याण के मार्ग की तरफ उन्मुख किया । माता पार्वती से विवाह के बाद ही वो संसार में जगदीश के रुप में प्रसिद्ध हुए । …

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भविष्य में अवतार लेने वाली महाशक्ति -श्री दुर्गा सप्तशती

मां दुर्गा जिन्हें हम नवरात्रि उत्सव में पूजते हैं , जिनकी वंदना करते हैं और जिन्हें आद्या शक्ति का सबसे महान स्वरुप माना जाता है क्या उनका अवतार हो चुका है या फिर वो भविष्य में कल्कि अवतार की तरह अवतार लेने वाली महाशक्ति का नाम है । मां दुर्गा जिन्हें दुर्ग नामक राक्षस के संहार की वजह से जाना …

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Navratri: Mahalakshmi worship in Navratri,आद्या शक्ति की सबसे वैभवशाली स्वरुप माँ महालक्ष्मी

श्रीदुर्गा सप्तशती में आद्या शक्ति के कई स्वरुपों माँ अंबिका, चंडिका, कालिका, सप्तमातृका और नारायणी शक्तियों का उल्लेख है । आद्या शक्ति का एक महास्वरुप भी है, जो श्रीदुर्गा सप्तशती में गुप्त ही रहता है। वो गुप्त स्वरुप है महालक्ष्मी का। आद्या शक्ति की सबसे वैभवशाली स्वरुप माँ महालक्ष्मी( माँ लक्ष्मी) को इन सभी आद्या शक्तियों में सबसे प्रधान माना …

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Secret of Sanjivni Buti | संजीवनी बूटी का असली रहस्य

संजीवनी बूटी का असली रहस्य क्या है। क्या संजीवनी बूटी को खाते ही मरा हुआ इंसान भी जीवित हो उठता है? कई पुस्तकों में संजीवनी बूटी को मृत व्यक्ति को जीवित कर देने वाली औषधि बताया जाता रहा है । आखिर संजीवनी बूटी का असली रहस्य क्या है? क्या ये अमरता की बूटी है? क्या से सिर्फ बेहोशी दूर करने …

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संसार को संहार से रोकने वाली सात माताएं -सप्तमातृका

शुद्ध सनातन धर्म में आद्या शक्ति और नारायण के द्वारा संमय समय पर अवतार लेकर संसार में धर्म की स्थापना और दुष्टों का संहार करने की अनेक कथाएं हैं। आद्या शक्ति जब भी किसी स्वरुप में आकर दुष्टों का संहार करती हैं तो उनके साथ सात मताएं भी सहयोग करती दिखती है। इन्हें ही सप्त मातृका देवियां कहा जाता है …

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Navratri श्री दुर्गा सप्तशती की नारायणी शक्ति- मां नारायणी

श्री दुर्गा सप्तशती के एकादश अध्याय में आद्या शक्ति के एक महान स्वरुप नारायणी की स्तुति की गई है । नारायण की क्रियात्मक शक्ति को ही नारायणी कहा जाता है ।  विष्णु अर्थात नारायण जगत का पालन करते हैं, बार बार अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की संस्थापना करते हैं और अधर्म का नाश करते हैं। श्री मद्भगवद् गीता में …

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राम-रावण युद्ध|सीता हरण के बिना भी तय था युद्ध|Ram Ravan war was fixed

राम-रावण युद्ध सनातन हिंदू धर्म की सबसे महान घटनाओं में एक है। रावण के द्वारा सीता हरण और इसके बाद राम के द्वारा हनुमान, सुग्रीव और दूसरे वानरों की सहायता से लंका पर आक्रमण और रावण का वध सत्य और असत्य या धर्म और अधर्म के युद्ध के रुप में देखा जाता है । ऐसा माना जाता है कि अगर …

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राम रावण का युद्ध ऋषियों की योजना का परिणाम

रामलीला मर्यादापुरुषोत्तम राम के द्वारा पृथ्वी पर की जाने वाली वो अद्भुत लीला है जिसके द्वारा धर्म की संस्थापना हुई और साधुओं और ऋषियों का कल्याण हुआ।भगवान श्री हरि विष्णु ने कृष्णावतार के दौरान श्री मद्भगवद्गीता में स्पष्ट कहा है कि वो हरेक युग में साधुओं या ऋषियों के कष्टों को तारने के लिए और धर्म की संस्थापना के लिए …

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Navratri: Is Kali Superior to Shiva|माँ काली:महाकाल के उपर विराजने वाली महाशक्ति

नवरात्रि उत्सव में जिन आद्या शक्ति स्वरुपा की सबसे रहस्यमय शक्ति की उपासना की जाती हैं वो हैं माँ काली जिन्हें महाकाली भी कहा जाता है । इनके कई नाम हैं श्यामा काली, दक्षिण काली, भद्रकाली , सहस्त्र काली, बंग काली और सिर्फ महाकाली। ये कौन हैं और कहां से आती हैं और कहां चली जाती हैं? ये आद्या शक्ति …

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