Navratri: 10 Mahavidyas-Kali the first Mahavidya: मां काली ‘ प्रथम महाविद्या ‘

शुद्ध सनातन आपके लिए लेकर आया है आद्या शक्ति मां सती के 10 शक्ति स्वरुपों की पूजा, प्रार्थना और उनकी कृपा प्राप्त करने की कथाएं। 10 महाविद्या साधना का संबंध भगवान शिव की प्रथम पत्नी माता सती से उत्पन्न 10 स्वरुपों से है। कहा जाता है कि जब माता सती को भगवान शिव ने उनके पिता प्रजापति दक्ष के घर …

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Navratri: Second Mahavidya, Tara|माँ तारा-10 महाविद्या की दूसरी महाशक्ति

कौन हैं माँ तारा : नवरात्रि के दूसरे दिन जिन महामाया शक्ति के स्वरुप की अराधना की जाती है वो हैं माँ तारा। माँ तारा देवी सती से उत्पन्न दूसरी महाविद्या है। माँ काली जहां पंचतत्वों से परे हैं और सृष्टि के निर्माण की प्रथम क्रियात्मक शक्ति हैं। वहीं माँ तारा सृष्टि के निर्माण की प्रक्रिया को प्रारंभ करने वाली …

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Navratri : Tripur Sundari- Third mahavidya of 10 Mahavidyas, 10 महाविद्याओं की तीसरी महाविद्या-‘ माँ त्रिपुर सुंदरी’

कौन हैं माँ त्रिपुरसुंदरी? : माँ सती से उत्पन्न हुई आद्या शक्ति के 10 स्वरुपों को 10 महाविद्याएं भी कहा जाता है। इन 10 महाविद्याओं में महाकाली(माँ काली) और मां तारा के बाद तीसरी महाविद्या के रुप में माँ त्रिपुर सुंदरी की अराधना की जाती है। जहां महाकाली(माँ काली) सृष्टि की क्रियात्मक शक्ति का प्रतीक हैं और सृष्टि के निर्माण …

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क्या द्रौपदी को दांव पर लगाना धर्म था

जब धर्म और अधर्म के बीच सत्य को स्थिर करना बहुत मुश्किल हो जाता  है । महाभारत के सभा पर्व में जब द्रौपदी को धर्मराज युधिष्ठिर जुए में हार जाते हैं और दुशासन द्रौपदी को बल पूर्वक सभा में घसीट कर लाता है । तब द्रौपदी वहां सभा मे मौजूद धर्म के महान ज्ञाताओं भीष्म, विदुर , द्रोण और स्वयं …

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Navratri: Bhuvaneshwari – Fourth Mahavidya-माँ भुवनेश्वरी-10 महाविद्या में चौथी महाशक्ति-

शुद्ध सनातन धर्म में आद्या शक्ति के जिन 10 स्वरुपों को 10 महाविद्याएं कहा गया है, उनमें माँ काली, माँ तारा, माँ त्रिपुर सुंदरी के बाद जिन चौथी महाविद्या या महाशक्ति का वर्णन है, वो हैं माँ भुवनेश्वरी। जिस प्रकार प्रथम महाविद्या माँ काली को काल का स्वरुप माना जाता है, वहीं माँ भुवनेश्वरी को अंतरिक्ष या फिर उस स्पेस …

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Navratri: 10 महाविद्या की 5वीं महाशक्ति- माँ त्रिपुर भैरवी|Tripura Bhairavi

शुद्ध सनातन धर्म में आद्या शक्ति से उत्पन्न जिन दस महाविद्या के स्वरुपों का वर्णन है ,उसमें 5वीं महाविद्या हैं, माँ भैरवी या माँ त्रिपुर भैरवी। महाविद्या से तात्पर्य ही है, ऐसी शक्तियाँ जो माया या अविद्या या अज्ञान से मोक्ष की तरफ ले जाएं। माँ भैरवी भय का स्वरुप हैं। लेकिन अपने भक्तों और संतानों के लिए वो माँ …

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पत्नी प्रेम में लगाते हैं शिव शरीर पर भस्म

शुद्ध सनातन धर्म में पत्नी प्रेम में लगाते हैं शिव शरीर पर भस्म बिना गृहस्थ आश्रम के मुक्ति को असंभव बताया गया है । यहां तक कि ज्यादातर ईश्वरीय सत्ताओं को भी विवाहित दिखाया गया है । सनातन धर्म में पत्नी के प्रति प्रेम को उच्च आदर्श के रुप में दिखाया गया है । भगवान श्री राम ने अपनी पत्नी …

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Navratri: Sixth Mahavidya: Chinnamasta 10महाविद्या की छठी महाशक्ति- माँ छिन्नमस्ता

शुद्ध सनातन धर्म में आद्या शक्ति के जिन 10 महाविद्या रुपी स्वरुपों का वर्णन है, उसमें माँ छिन्नमस्ता छठी महाशक्ति हैं। माँ छिन्नमस्ता का स्वरुप तंत्र के महान रहस्यों को उद्घाटित करता है। शाक्त ग्रंथों और शाक्त तंत्र की पुस्तकों में माँ छिन्नमस्ता को कामदेव और रति के उपर विराजित दिखाया गया है। माँ ने अपने ही सिर को अपने …

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Navratri: 7th Mahavidya Dhumavati:10 महाविद्या की 7 वीं महाशक्ति – माँ धूमावती

10महाविद्याओं में 7 वीं महाशक्ति माँ धूमावती हैं। माँ धूमावती विरुपता, कुरुपता, वैराग्य, अशुभता, जर्जरता बुढ़ापा, वैधव्य और दरिद्रता का प्रतीक हैं। माँ धूमावती सृष्टि के निर्माण से ठीक पहले और प्रलय के ठीक बाद शून्य के रुप में प्रगट होती हैं। माँ धूमावती को मान्यताओं के मुताबिक वैदिक देवी नऋति से जोड़ा जाता है,जो मृत्यु और क्षय की देवी …

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Baglamukhi:10 महाविद्या की 8वीं शक्ति- बगलामुखी

10 महाविद्या की 8 वीं शक्ति बगलामुखी देवी हैं। शुद्ध सनातन हिंदू धर्म में प्राणियों को चेतन और अवचेतन स्थितियों से उत्पन्न माया से मुक्त कराने के लिए आद्या शक्ति जिन स्वरुपों में प्रगट होती हैं उनमें 8वीं महाविद्या हैं माँ बगलामुखी। 10 महाविद्या की शक्तियों में बगलामुखी, सृष्टि के लय को नियंत्रित करने वाली महाशक्ति हैं। बगलामुखी प्राणियों को …

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Maa Matangi 9th Superpower of 10 Mahavidyas | मां मातंगी नवम महाशक्ति

दलितों की मां हैं मां मातंगी : शुद्ध सनातन धर्म मानव मात्र की समानता और समाज के अंतिम व्यक्ति को अराधना का अधिकार देता है। गुप्त नवरात्रि के नवम रात्रि को मां मातंगी की विशेष पूजा की जाती है। मां मातंगी समानता की देवी हैं। वो श्मशान में वास करती हैं। उनकी पूजा के लिए कोई विशेष नियम और शुद्धि …

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पति और परिवार के कल्याण का पर्व – वट सावित्री

शुद्ध सनातन धर्म में नारियों को पूज्य बताया गया है , नारियों के अंदर शक्ति का वास बताया गया हैनारियां अगर निष्ठा पूर्वक ईश्वर की भक्ति करें तो ईश्वर की कृपा सबसे पहले उन्हें ही प्राप्त होती हैं कौन हैं सावित्री, क्यों किया सत्यवान से विवाह : मद्र देश के राजा अश्वपति को कोई संतान नहीं थी, महान तपस्या के …

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महावीर हनुमान जी की लंका यात्रा

वाल्मिकि रामायण और तुलसी रचित रामचरितमानस दोनों में ही हनुमान जी की लंका यात्रा का विशद वर्णन सुंदरकांड में मिलता है। समुद्र को लांघ जाने का असंभव प्रयास सिर्फ महावीर हनुमान जी ही कर सकते थे । जब सभी वानर इस सोच में पड़े थे कि इस महान समुद्र को कैसे पार किया जाए और कौन है जो लंका जा …

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कैसे समाप्त हो गया है अयोध्या का वैभव

अयोध्या अर्थात जिसे युद्ध में जीता न जा सके, अयोध्या जिसकी स्थापना स्वयं सूर्य पुत्र मनु ने की थी जिसकी तुलना इंद्र के अमरावती नगरी से की जाती है । वाल्मीकि रामायण में अयोध्या की वैभवशीलता का विस्तार से वर्णन है । जिस राज्य के राजा साक्षात सूर्य वंश से थे । जिसके राजाओं से स्वयं इंद्र भी सहायता मांगने …

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