आत्मा और मन के मंथन का महापर्व – अनंत चतुर्दशी

शुद्ध सनातन धर्म में किसी तिथि विशेष में घटी घटनाओं को बहुत महत्व प्रदान किया गया है । हजारों वर्षों से उस विशेष तिथि में हुई घटना को पर्व या त्यौहार के रुप में मनाने की प्रथा रही है । अनंत चतुर्दशी भी एक ऐसा ही महापर्व है जो भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है ।  शुद्ध सनातन …

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ओणम – दो सभ्यताओं और संस्कृतियों का पर्व

शुद्ध सनातन धर्म की सबसे बड़ी विशेषता यही रही है कि इसमें विपरीत विचारों को हमेशा बराबर का स्थान मिला है । ओणम का पर्व भी दो विपरीत संस्कृतियों के मिलन का पर्व है । ओणम केरल राज्य सहित आज विश्व के कई जगहों पर मनाया जाता है । ओणम पर्व दैत्यराज महाबलि के केरल आगमन पर मनाया जाता है …

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श्री राम के क्यों इतने प्रिय हैं महावीर हनुमान

भगवान श्री राम के अनन्य भक्तों में महावीर हनुमान, विभीषण, केवट, शबरी, निषादराज, अंगद, सुग्रीव जैसे असंख्य नाम हैं। लेकिन जो भक्ति महावीर हनुमान जी ने भगवान श्री राम के लिए दिखाई उसका उदाहरण संसार में कहीं भी नहीं मिलता है । महावीर हनुमान जी ने अपने आराध्य श्री राम के लिए जो महान कार्य किए हैं वैसा संसार में …

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शिव और सती के अधूरे प्रेम की करुण कथा

शुद्ध सनातन धर्म में श्री राम-सीता, राधा- कृष्ण, शिव और सती की प्रेम कथा अमर रही है । इन सभी ईश्वरीय सत्ताओ ने अपने प्रेम से पूरे संसार को प्रेरणा दी। परंतु एक और प्रेम कथा थी जो अधूरी रह गई थी जिसका अंत बहुत ही दुखमय रहा। वो कथा है शिव और सती के प्रेम की कथा । इस …

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भगवान गणेश की जन्म की अद्भुत कथाएं

गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं : गणेश चतुर्थी : शुद्ध सनातन धर्म में भगवान गणेश के जन्म को लेकर अनेक कथाएं हैं। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था । भगवान गणेश को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूज्य होने का गौरव प्राप्त है । लेकिन उनका जन्म कैसे हुआ और …

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गणेश चतुर्थी : सबसे प्रथम और देवताओं के भी पूज्य हैं गणेश

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान गणपति को सभी ईश्वरीय सत्ताओं में सबसे प्रथम और सबसे पूज्य माना गया है। आमतौर पर यही मान्यता रही है कि भगवान गणेश माता पार्वती के पुत्र हैं और भगवान शिव और पार्वती की परिक्रमा कर उन्हें सबसे पहले पूज्य होने का गौरव हासिल हुआ था।  लेकिन गणपति का वर्णन तो ऋग्वेद में भी है …

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Hartalika teej शिव के प्रति समर्पण का पर्व हरतालिका तीज

सनातन धर्म में जिन महान तपस्वियों का वर्णन है उनमें माता पार्वती का नाम सर्वप्रथम लिया जाता है । हरतालिका तीज की कथा लगभग सभी पुराणों और महाकाव्यों में माता पार्वती की कठोर तपस्या का वर्णन किया गया है । भगवान शिव को अपने पति के रुप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने ऐसी कठोर तपस्या की थी …

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भगवान श्रीकृष्ण की माताओं की अद्भुत कथा

शुद्ध सनानत धर्म में श्रीकृष्ण की माताओं का श्रीकृष्ण के जन्म में बहुत योगदान है, श्रीकृष्ण के जन्म की कथा को कई महान ग्रंथों में विशेष महत्व दिया गया है । श्रीकृष्ण भगवान श्री हरि विष्णु के पूर्णावतार माने जाते हैं और भगवान श्री विष्णु अपनी 16 कलाओं के साथ पृथ्वी पर श्री हरि कृष्ण के रुप में अवतरीत हुए …

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आदि अनादि और अजन्मा हैं भगवान श्रीकृष्ण

शुद्ध सनातन धर्म में भगवान श्री हरि विष्णु के दो महावतारों श्री राम और भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की बड़ी महिमा गाई गई है । रामायण, महाभारत, श्रीमद्भगवद् पुराण आदि शास्त्रों में श्री राम और भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को लेकर कई श्लोकों की रचना की गई है । ऐसा कहा गया है कि भगवान श्री हरि विष्णु ने धर्म …

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अयोध्या के राजा हनुमान|Hanuman-King of Ayodhya

राम ने अयोध्या किसको दे दी थी? जब राम अपने धाम को वापस चले गए तो लव और कुश को अयोध्या न दे कर हनुमान जी को अयोध्या का राजा बना दिया। राम ने क्यों अयोध्या हनुमान को दे दी । क्या राम के जाने के बाद हनुमान ने ही अयोध्या का राज- काज संभाला ? क्या है हनुमान के …

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क्या अमर हैं महावीर हनुमान

शुद्ध सनातन धर्म में महावीर हनुमान जी को चिरंजीवी अर्थात अजर अमर कहा जाता है । वैसे शास्त्रों को पढ़ने से यही लगता है कि जिस किसी ने भी पृथ्वी पर जन्म लिया है उसे कभी न कभी मृत्यु का वरण करना ही पड़ता है । यहां तक कि भगवान श्री हरि विष्णु के सभी अवतारों को चाहे वो श्री …

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महाभारत में भगवान शिव के महान भक्त

शुद्ध सनातन धर्म में दो महान ग्रंथो रामायण और महाभारत दोनों में ही भगवान श्री हरि विष्णु के दो महावतारों श्री राम और श्रीकृष्ण की अद्भुत लीलाओं और पराक्रमों को वर्णन है । वैष्णव मत प्राचीनकाल से ही इन दोनों ही ग्रंथों को अपने मत के सबसे महान ग्रंथों मे शामिल करता रहा है। लेकिन बहुत ही कम लोगों को …

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राम भक्ति के शिखर संत गोस्वामी तुलसीदास|Goswami Tulsidas

हरि अनंत और हरि कथा अनंता’ की अवधारणा वैष्णव भक्ति परंपरा की अद्भुत विशेषता रही है। गोस्वामी तुलसीदास जी के अलावा श्रीराम के अन्य महान भक्त संतों ने भक्ति की जो धारा भारतभूमि में प्रवाहित की है, वो किसी अन्य देश में नहीं पाई जाती है।चाहे वो तमिल संत कम्ब हों, बंगाल के महान श्रीराम भक्त संत कृतिवास हों या …

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मां को गुलामी से छुडाने वाले गरुड़ की जन्म कथा

शुद्ध सनातन धर्म सिर्फ मानवों का धर्म नहीं है बल्कि इसमें पूरे ब्रम्हांड और प्रकृति का समावेश है । शुद्ध सनातन धर्म का दायरा मानवों के साथ साथ वृक्ष, पशु और पक्षियों तक है । यही वजह है कि सभी ईश्वरीय सत्ताओं के साथ उनके वाहनरुप में पशु और पक्षियों को दर्शाया गया है ।सभी देवी – देवता के साथ …

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मां के शाप से मुक्ति का पर्व नाग पंचमी

सांप और सभ्यता : सर्प या सांप संसार के सभी धर्मों कथाओं में किसी न किसी रुप में उपस्थित रहे हैं । कहीं सांपों को शुभता का प्रतीक माना गया है तो कहीं इन्हें शैतान से जोड़ा गया है । विष धारण करने की वजह से सांप हमेशा से भय और आश्चर्य के विषय रहे हैं । संसार की सारी …

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