Maa_Baglamukhi

Baglamukhi:10 महाविद्या की 8वीं शक्ति- बगलामुखी

10 महाविद्या की 8 वीं शक्ति बगलामुखी देवी हैं। शुद्ध सनातन हिंदू धर्म में प्राणियों को चेतन और अवचेतन स्थितियों से उत्पन्न माया से मुक्त कराने के लिए आद्या शक्ति जिन स्वरुपों में प्रगट होती हैं उनमें 8वीं महाविद्या हैं माँ बगलामुखी। 10 महाविद्या की शक्तियों में बगलामुखी, सृष्टि के लय को नियंत्रित करने वाली महाशक्ति हैं। बगलामुखी प्राणियों को माया और भ्रम से मुक्त कर उनका कल्याण करती हैं। इन्हें 10 महाविद्या में विशिष्ट शक्ति के रुप में पूजा जाता है और इनकी पूजा गुरु की देख रेख में ही की जा सकती है वरना इसके भयंकर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।

बगलामुखी माया से मोक्ष की तरफ ले जाती हैं :

शाक्त तांत्रिक ग्रंथों के मुताबिक बगलामुखी को कल्याणी और पितांबरा देवी के नाम से भी पुकारा जाता हैं। बगलामुखी देवी प्राणियों की अनियंत्रित इंद्रियों पर लगाम लगाती हैं और उन्हें मोक्ष की तरफ ले जाती हैं। माँ बगलामुखी के हाथों में पाश है। इसी पाश या लगाम के जरिए वो हमारी इंद्रियों को वासना से मोड़कर अध्यात्म की तरफ ले जाती हैं।  

बगलामुखी को हमेशा एक राक्षस के साथ दिखाया गया है। बगलामुखी उस राक्षस की जिह्वा खींचते हुए मूर्तियों और तस्वीरों में दिखाई जाती हैं। इस राक्षस का नाम मदन है। ये मदन वासना का ही दूसरा नाम हैं। इस वासना या मदन की तृष्णा रुपी जिह्वा को बगलामुखी अपने हाथों में लेती है और मानव के अंदर स्थित मदन रुपी राक्षस का वध करती हैं। वासना रुपी राक्षस के मरते ही हमारा चित्त शुद्ध होकर ईश्वर के मार्ग की पर चल पड़ता है।

मां बगलामुखी

शत्रुओं पर विजय दिलाती हैं मां बगलामुखी :

बगलामुखी को विजय दिलाने वाली देवी के रुप में भी पूजा जाता है । ऐसी मान्यता है कि शत्रुओं पर विजय के लिए बगलामुखी की अराधना की जानी चाहिए। देवी बगलामुखी अपने भक्तों को वाक् सिद्धि का वरदान देती हैं । वाक् सिद्धि पाकर ही भक्त संसार में विजय प्राप्त करता है। माँ बगलामुखी को अनियंत्रित सृष्टि को नियंत्रित करने वाली महाशक्ति के रुप में भी पूजा जाता है।

ये भी पढ़ें – दस महाविद्या में छठी महाशक्ति – मां छिन्नमस्ता

भगवान विष्णु ने की थी बगलामुखी की अराधना :

मेरु तंत्र नामक ग्रंथ के मुताबिक भगवान विष्णु ने एक बार संसार में आंधी और तूफान से उत्पन्न हो रही तबाही के लिए आद्या महाशक्ति की अराधना की थी, जिससे माँ बगलामुखी का प्राकट्य हुआ । माँ बगलामुखी ने विष्णु की प्रार्थना पर संसार को लय में लाकर उसकी रक्षा की । माँ अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए जानी जाती हैं ।माँ बगलामुखी को पीला रंग पसंद है । कहा जाता है कि देवी को हल्दी बहुत पसंद है। हल्दी से ही भोजन में स्वाद आता है । इसका अर्थ ये भी है कि माँ जीवन में रस को लाने वाली शक्ति भी हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Translate »